हस्तरेखा एक सामुद्रिक शास्त्र है। इस शास्त्र के अंतर्गत समस्त भूत , भविष्य और वर्तमान अर्थात जो समय बीत चुका है , जो समय चल रहा है और जो समय आने वाला है इसकी विवेचना की जाती है। किसी स्त्री- पुरुष के हाथो में कई प्रकार की रेखाएं, चिन्ह , हथेली का रंग , आकृति तथा पर्वत पाए जाते है। उन्ही आधार पर शरीर-स्वस्थ, धन -संपत्ति ,पराक्रम-बल, माता-पिता, भाई-बहन तथा पारिवारिक सम्बन्ध, घर-माकन, भूमि-भवन, वाहन का सुख, शिक्षा की स्थिति, संतान, ऋण-रोग, शत्रु, वैवाहिक-सुख, देश-विदेश की यात्रा, भाग्योदय, नौकरी-व्यापर, यश-प्रतिष्ठा की प्राप्ति, धन का लाभ इत्यादि समस्त पहलुओं की विवेचना की जाती है। हस्त रेखा के माद्यम से मनुष्य अपने समय को देख कर उन्नत्ति, प्रगति प्राप्त कर सकता है। यदि समय ठीक हो तो उसे और अच्छा कर सकते है। यदि समय ठीक न हो तो उपायों के द्वारा उसे ठीक करके मनुष्य अपने जीवन को सुखमय व्यतीत कर सकता है।
Palmistry is a marine scripture. Under this scripture, all the past, future and present, ie the time which has passed, the time which is going on and the time which is coming, are discussed. Many types of lines, signs, palm color, shape and mountains are found in the hands of a man and woman. On the same basis, body-health, wealth, might-force, parents, siblings and family relations, house-building, land, vehicle, happiness, education status, children, debt-disease, enemy, All aspects of marriage, travel abroad, luck, job, business, fame, gain of wealth, etc. are discussed. Through the medium of palm reading, a person can achieve more progress by looking at his time through palm reading . If the time is right, then you can make it better. If the time is not right, by fixing it through measures, a man can spend his life happily.